भगवान महावीर ने जिस प्रकार 2571 वर्ष पूर्व जप-तप से स्वयं का कल्याण किया था, उसी प्रकार आप भी इस धर्म नगरी में साधु-संतों की शरण में रहकर अपनी आत्मा का कल्याण करें।
यह बात गुरुवार को पूज्य ज्ञानमती माताजी ने महावीर तपोभूमि में मंगल प्रवेश कर प्रवचन में कही । पूज्य माताजी ने कहा उज्जैन का उल्लेख जैनियों के कई ग्रंथों में है। उज्जैन अति प्राचीन नगरी है। उज्जैन में स्वयं महावीर ने आकर तप किया था उपसर्ग पर विजय प्राप्त की थी । पूज्य चंदनामती माताजी ने भी प्रवचन दिए।
। माताजी को उज्जैन में चातुर्मास करने के लिए समाजजनों ने विनयांजलि प्रस्तुत की।
इस पावन अवसर पर भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य श्री दिलीप राजपाल एवं अखिल भारतीय दिग. जैन महिला संगठन की अध्यक्षा श्रीमति सुमन जैन इन्दौर भी उपस्थित थीं ।
Source : www.highestjainidolinworld.com